False

हिन्दू शख्स के लिंचिंग का दावा करने वाला वायरल वीडियो क्या मेवात में हो रही हिंसा का ही है ? नहीं वीडियो पुराना है और बांग्लादेश का है…

ये वीडियो बांग्लादेश में साल 2017 में हुई एक घटना से संबंधित है,इसका मेवात हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है।

हरियाणा में चल रहे सांप्रदायिक हिंसा ने चिंताजनक हालात उत्पन्न कर दिए हैं। नूंह में भड़की हिंसा की आग हरियाणा के कई शहरों में पहुंच चुकी है। हिंसा में कुछ लोगों के मारे जाने की खबरें हैं। तो वहीं पलवल, सोहाना, मानेसर और पटौदी में इंटरनेट बंद है। हिंसा को लेकर नूंह, गुरुग्राम, पलवल जिलों में घटना से जुड़ी 40 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। ऐसे में घटना से जुड़ी वीडियो और पोस्ट की भरमार सोशल मीडिया पर देखी जा रही है। जिसमें एक  संवेदनशील और परेशान करने वाला वीडियो शेयर किया जा रहा है। वीडियो में लोगों के एक समूह को सड़क पर भारी पत्थरों से एक व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई करते हुए दिखाया गया है। साथ ही दावा किया जा रहा है कि मेवात हिंसा का ये दृश्य है। वहीं वीडियो के साथ यूज़र ने कैप्शन में लिखा है कि मेवात पर नहीं जागे तो एक दिन तुम्हारा भी अंत ऐसा ही होने वाला है।

ट्विटरआर्काइव 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो को अलग-अलग कीफ्रेम में तोड़ा। मिली तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च करने पर वायरल वीडियो हमें जनसत्ता द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के साथ दिखाई दिया।  

दरअसल यह वीडियो अप्रैल 2017 में बांग्लादेश में शूट किया गया था, जिसमें अबू सैयद नाम के एक हत्या-आरोपी को कोमिला जिले में कुछ बदमाशों ने मार डाला था। सैयद (28) पर अवामी लीग नेता मोनिर हुसैन की हत्या का आरोप था।

पड़ताल में हमें बांग्लादेशी अखबार- ढाका ट्रिब्यून, न्यू एज और डेली सन की रिपोर्ट्स मिली जिसके मुताबिक, यूनियन परिषद चेयरमैन मुनीर हुसैन सरकार और उनके सहयोगी मोहिनुद्दीन को गोली से मारा गया। ये ख़बर नवंबर, 2016 को प्रकाशित की गई थी।

दरअसल, नवंबर 2016 में बांग्लादेश की अवामी लीग के नेता मोनीर हुसैन सरकार की हत्या हो गई थी। इसके बाद 1 अप्रैल 2017 को एक गांव के लोगों ने उनके हत्यारों की पिटाई की थी। ये वीडियो उसी पिटाई का है जिसे तब वहां के एक निवासी ने शेयर किया था। 

यह विडियो 2 साल पहले भी भारत में वायरल हो चुका है। हालांकि, तब इसे कश्मीर का विडियो बताकर शेयर किया जा रहा था।

निष्कर्ष- तथ्यों की जाँच में हमने पाया कि जिस विडियो को सोशल मीडिया पर मेवात हिंसा के नाम से वायरल किया जा रहा है वो दरअसल सात साल पुराना है। वीडियो भारत का नहीं बांग्लादेश का है, और इसका मेवात हिंसा से कोई संबंध नहीं है। 

Title:हिन्दू शख्स के लिंचिंग का दावा करने वाला वायरल वीडियो क्या मेवात में हो रही हिंसा का ही है ? नहीं वीडियो पुराना है और बांग्लादेश का है…

Written By: Sarita Samal

Result: False

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