बांग्लादेश में ट्रांस महिलाओं पर हमले के वीडियो को हिन्दू लड़कियों पर मुसलमानों द्वारा किए गए अत्याचार के गलत दावे से वायरल
तीनों पीड़िताएं ट्रांसजेंडर हैं, मामले में मोहम्मद फरुकुल इस्लाम नाम के शख्स की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसका हिन्दू लड़कियों पर हमले से कोई संबंध नहीं है।
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद जहां अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा था तो वहीं अब वहां पर सेक्स वर्कर और ट्रांसजेंडरों पर हमले किए जा रहे हैं। इसी को जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में तीन फ्रेम दिखाई दे रहे हैं। जिसमें एक फ्रेम में एक महिला से जबरन उठक- बैठक कराया जा रहा है और बीच-बीच में उसे छड़ी से पीटा जा रहा है। दूसरे वीडियो में अन्य महिला पुलिस अधिकारियों से अपना मोबाइल वापस दिलाने की गुहार लगा रही है जिसे एक शख्स ने उसके साथ मारपीट कर ले लिया था। वहीं तीसरे वीडियो में भी एक शख्स महिला पर डंडे से बुरी तरह हमला करता दिख रहा है। वीडियो को सांप्रदायिक एंगल के साथ शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में हिंदू लड़कियों को हिजाब या बुर्का न पहनने पर निशाना बनाया जा रहा है। पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा गया है कि…
"हिजाब और बुरका पहनो या बांग्लादेश छोड़ दो!" बांग्लादेश में बाजार में सरेआम हिन्दू लड़कियों को टारगेट किया जा रहा। हिन्दू लड़कियों को नॉर्मल कपड़े पहनने पर निशाना बनाया जा रहा है। जमात ए इस्लामी के कट्टरपंथी हिन्दू बहन-बेटियों को खुलेआम धमकी दे रहे हैं।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने जांच की शुरुआत में वायरल वीडियो से कीफ्रेम लेकर गूगल लेंस से सर्च किया। परिणाम में हमें कुछ बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट पर घटना की विस्तृत रिपोर्ट मिली। हमने देखा कि इनमें वायरल वीडियो के फुटेज भी शामिल हैं। जमुना टीवी की 14 सितंबर 2024 की रिपोर्ट (आर्काइव) के अनुसार, कॉक्स बाजार में सुगंधा प्वाइंट इलाके के पास महिलाओं और ट्रांसजेंडर का उत्पीड़न किया गया था। इसमें घटना के मुख्य आरोपी फारुकुल इस्लाम को पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच ने 13 सितंबर 2024 को हिरासत में लिया। रिपोर्ट के अनुसार फारुकुल चटगांव के सतकानिया इलाके का रहने वाला है।
हमें 14 सितम्बर 2024 में प्रकाशित ढाका ट्रिब्यून (आर्काइव) की रिपोर्ट मिली। जिसमें वीडियो दिख रही घटना के बारे में विस्तार से बताया गया है। लिखा है कि वीडियो में आरोपी फारुकुल समुद्र तट के पास हाथ में छड़ी लेकर महिला से कान पकड़वाकर उससे उठक-बैठक करवा रहा है और उसे अपशब्द बोल रहा है। दूसरे वीडियो में एक अन्य महिला सुगंधा समुद्र तट के पास पुलिस अधिकारियों से अपना मोबाइल वापस दिलाने के लिए गुहार लगा रही है। जबकि एक तीसरे वीडियो में एक महिला को फारुकुल द्वारा बार-बार छड़ी से पीटते हुए दिखाया गया है, जबकि महिला उसे छोड़ देने के लिए विनती कर रही है। फ़ारोकुल और उसके समूह ने अपने हमलों को सही ठहराने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया और इन महिलाओं को वेश्याओं के रूप में दिखाया। यह भी बताया गया कि आरोपी फारुकुल ने फेसबुक पर इन घटनाओं के वीडियो बनाकर शेयर किए थे। घटना में पुलिस की लचर कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया गया है। तो वहीं आरोपी को गिरफ्तार करने उसके खिलाफ कॉक्स बाजार सदर मॉडल पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किए जाने की जानकारी दी गयी है।
पड़ताल के दौरान हमें 15 सितंबर 2024 को अजकरपत्रिका की रिपोर्ट मिली। इसके अनुसार आरोही इस्लाम नाम की एक ट्रांसजेंडर ने कॉक्स बाजार सदर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद मोहम्मद फरुकुल इस्लाम नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया था। खबर में आरोही इस्लाम द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर का भी जिक्र है। महिला ने आपबीती में बताया कि “मैं अपने कुछ साथी ट्रांसजेंडर के साथ 11 सितंबर की शाम को कॉक्स बाजार के सुगंध्या बीच इलाके में टहलने के लिए गई थी। जहां फरुकुल इस्लाम ने हम लोगों पर बीच का माहौल गंदा करने और लोगों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए गाली दी। इस दौरान उसने हमारे साथियों पर हमला किया और फोन भी छीन लिया। इतना ही नहीं फरुकुल इस्लाम के साथियों ने हमारे साथ छेड़खानी भी की। लेकिन बाद में कुछ लोगों ने आकर हमें बचाया और मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई।“
14 सितंबर 2024 को prathamalo की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से यह लिखा गया था कि कॉक्स बाजार में ट्रांसजेंडर से मारपीट के आरोप में डिटेक्टिव ब्रांच ने मोहम्मद फरुकुल इस्लाम नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था।
निष्कर्ष
तथ्यों के जांच से यह स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश में हिंदू लड़कियों को बुर्का नहीं पहनने की वजह से पीटने का गलत व भ्रामक दावा किया गया है। तीनों पीड़िताएं ट्रांसजेंडर हैं, मामले में मोहम्मद फरुकुल इस्लाम नाम के शख्स की गिरफ्तारी हो चुकी है।