False

हिमाचल के कांगड़ा में शिवलिंग तोड़ने की घटना में गलत सांप्रदायिक दावा वायरल…

फैक्ट क्रेसेंडो को नगरोटा के सब इंस्पेक्टर की तरफ से यह स्पष्ट किया गया है कि मामले में सांप्रदायिकता से जोड़ कर गलत दावा किया गया है। घटना को अंजाम देने वाली एक हिन्दू महिला है जो मानसिक रूप से अस्वस्थ है।

अभी हाल ही में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां में शिवलिंग तोड़ कर नाले में फेंकने की घटना सामने आई थी। जिसके बाद वहां की स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। हिमाचल के कांगड़ा जिले के उसी नगरोटा बगवां के शिव मंदिर स्थित क्षतिग्रस्त शिवलिंग को दर्शाता हुआ एक वीडियो तेज़ी से वायरल हुआ है। जिसमें एक पत्रकार रिपोर्टिंग करता हुआ सुनाई दे रहा है। इस बीच वीडियो में कुछ लोगों को और एक पुलिस कर्मी को भी देखा जा सकता है। जिससे पत्रकार इस घटना पर सवाल पूछता है। इसके बाद वो पुलिस कर्मी मामले में जांच का आश्वासन देता है साथ ही धर्म विशेष लोगों से शांति व सहयोग की अपील करता है। वहीं वायरल वीडियो को यूज़र द्वारा सांप्रदायिक एंगल से जोड़ते हुए यह दावा किया जा रहा है कि, जिस शिव मंदिर में 20 साल से शिवलिंग की पूजा होती थी उसे इस्लामिक कट्टरपंथियों ने 2 मिनट के भीतर तोड़ दिया। वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है कि …

हिमाचल प्रदेश में जि *हादियों का आतंकजिस मन्दिर में भगवान शिव की 20 साल से शिवलिंग की पूजा होती थी उसे इसलामिक कट्टरपंथियों ने 2 मिनट तोड़ दिया , हिमाचल प्रदेश वालों ऐसे राक्षसों को तुरन्त ऐसा सबक सिखाओ कि इनकी नस्ले ऐसा कृत्य करने को दोबारा सोचें जरूरत पड़ी तो पूरा देश साथ है

ट्विटर लिंकआर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत में संबंधित कीवर्ड्स का इस्तेमाल किया। परिणाम में हमें इससे जुड़ी कुछ मीडिया रिपोर्ट मिली। पंजाब केसरी (आर्काइव) द्वारा 28 सितंबर 2024 में छपी खबर के अनुसार शिवालय से शिवलिंग तोड़ने वाली निशा देवी नाम की एक महिला को पुलिस ने हिरासत में लिया था जो मानसिक रूप से बिमार थी। यह महिला इससे पहले भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुकी थी। इससे पहले साल 2020 में उस पर हिमाचल प्रदेश के ही धर्मशाला जिले के फतेहपुर में शिवलिंग तोड़ने का आरोप था और उसके बगल के एक गांव से नवग्रह की मूर्तियों को उठा कर गड्ढे में फेंकने का भी आरोप था। 

फिर हमने देखा कि मामले से जुड़ी रिपोर्ट को द प्रिंट की (आर्काइव) वेबसाइट पर 30 सितंबर 2024 को प्रकाशित किया गया था जो असल में समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से था। इसमें कांगड़ा जिले की एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने पीटीआई को ये बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने शिवलिंग तोड़ने वाली महिला की पहचान निशा देवी के रूप में की थी, जो हिंदू समुदाय से थी। उन्होंने यह भी बताया था कि महिला मानसिक रूप से बीमार है और वह पहले कई मूर्तियों को तोड़ चुकी है। ये भी स्पष्ट किया गया है कि बीते 27 सितंबर को कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां में शिवलिंग तोड़े जाने का मामला सामने आया था। जिसके लिए बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन करने लगे थे। इसी दौरान वहां मौजूद हिंदू संगठनों के लोग मुस्लिम समुदाय से दुकान खाली करवाने की मांग भी कर रहे थें।

इसके बाद हमें दिव्या हिमाचल टीवी के यूट्यूब चैनल (आर्काइव) पर इस घटना को लेकर पुलिस का बयान भी मिला। इसमें कांगड़ा डीएसपी अंकित शर्मा के अनुसार  सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से यह पता चला कि इस घटना में एक महिला शामिल थी। जिसकी मदद से एक 35 वर्षीय महिला निशा देवी को हिरासत में लिया गया। निशा देवी के ऊपर पहले भी ऐसे मामले को लेकर कई थानों में मुकदमे दर्ज़ हैं। 

हमें इस संबंध में कांगड़ा के डीएसपी अंकित शर्मा का यहीं वीडियो पंजाब केसरी हिमाचल प्रदेश के यूट्यूब चैनल (आर्काइव) पर भी मिला। 28 सितंबर 2024 को अपलोड किए गए इस वीडियो से यहीं तथ्य सामने आते हैं कि नगरोटा पुलिस को 27 सितंबर की सुबह गांधी ग्राउंड के पास वाले शिव मंदिर में शिवलिंग तोड़े जाने की जानकारी मिली थी। मामला संवेदनशील होने के कारण भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे। पुलिस ने जांच में सीसीटीवी फुटेज को खंगला। जिसमें ये पता चला कि एक महिला ने सवेरे 3 से 4 बजे के बीच इस घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद जानकारी के आधार योल इलाके के पास से 35 वर्षीय महिला निशा देवी को हिरासत में लिया था। इस दौरान महिला के पास वे सारे सामान मिले जो सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहे थे। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि महिला के ऊपर 2020 में धर्मशाला के फतेहपुर में भी शिवलिंग को क्षतिग्रस्त करने का आरोप है और महिला का दिमागी संतुलन ठीक नहीं है। 

हमने अपनी जांच में अंत में नगरोटा पुलिस स्टेशन में भी संपर्क किया। जहां हमारी बात वहां के सब इंस्पेक्टर चमन लाल से हुई। उनके द्वारा ये स्पष्ट किया गया कि आरोपी महिला का नाम निशा देवी है और वो हिंदू ही है उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। पहले भी वो ऐसे घटनाओं को अंजाम दे चुकी है जिसके लिए उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज़ हैं। महिला इस वक़्त हिरासत में है और उसका इलाज भी कराया जा रहा है। इस मामले में किस भी तरह का कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। 

इससे ये साफ़ होता है कि कांगड़ा में शिवलिंग तोड़े जाने की घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। 

निष्कर्ष 

तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि कांगड़ा में शिवलिंग तोड़े जाने की घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। मामले में निशा देवी नाम की एक महिला है जिसने इस घटना को अंजाम दिया और उसकी मानसिक दशा ठीक नहीं है। सोशल मीडिया पर इस मामले को गलत सांप्रदायिक एंगल से जोड़ कर फैलाया जा रहा है। 

Title:हिमाचल के कांगड़ा में शिवलिंग तोड़ने की घटना में गलत सांप्रदायिक दावा वायरल…

Fact Check By: Priyanka Sinha

Result: False

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