Partly False

क्या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हाजी अली दरगाह पर ॐ, स्वास्तिक और त्रिशूल से बनी हुई केसरी रंग की चादर चढ़ा रहे है? जानिये सच…

यह वीडियो मलंग गढ़ के मजार का है। परंपरा के तहत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वहाँ माघ पूर्णिमा के दिन महा आरती करने गये थे व चादर भी चढ़ाई थी।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का एक वीडियो सामने आ रहा है। उसमें आप उनको मजार जैसी जगह पर आरती करते हुये देख सकते है। इसको वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री हाली अली दरगाह पर ॐ, स्वास्तिक और त्रिशूल के चित्र से बनी हुई केसरी रंग की चादर चढ़ा रहे है व आरती कर रहे है। और सोशल मीडिया पर यूज़र्स उनकी हिम्मत की तारीफ कर रहे है। 

वायरल वीडियो के साथ यूज़र ने लिखा है, “ये तो गज़ब हो गया। आज तक कभी ऐसा नहीं देखा। मुख्यमंत्री हो तो हो हिम्मतवाला एकनाथ शिंदे जैसा। शिंदे जी ने हाजी अली दरगाह-मुंबई पर जाकर ॐ, स्वास्तिक और त्रिशूल अंकित भगवा रंग की चादर चढाई। देख लो सब के मुंह लटके हुए हैं। ये है शिवसेना का असली चरित्र। इसे कहते हैं। सौ सुनार की और एक लोहार की। जय श्री राम।“

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

सबसे पहले हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च कर इस वीडियो का शोध किया। हमें यह वीडियो 5 फरवरी को लोकमत के चैनल पर प्रसारित किया हुआ मिला। उसके साथ दी गयी जानकारी में बताया गया है कि यह वीडियो कल्याण के पास मलंग गढ़ किले का है। वहाँ हमेशा की परंपरा के तहत एकनाथ शिंदे ने महा आरती की और मछिंद्रनाथ के भी दर्शन किये। आप नीचे दिये हुए वीडियो में देख सकते है।

आर्काइव लिंक

आगे बढ़ते हुए हमें 5 फरवरी को द प्रिंट के वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली। उसमें यह बताया गया है कि मुख्यमंत्री ने मलंग गढ पर स्थित मछिंद्रनाथ मंदिर में महाआरती की। किले में प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा के अवसर पर मेला लगता है और उस समय वहाँ महाआरती का आयोजन किया जाता है। इस दौरान शिवसेना के नेता व सभी कार्यकर्ता किले पर जाते है। इस प्रथा की शुरुवात शिंदे के गुरु व शिवसेना के दिवंगत नेता आनंद दिघे ने की थी।

नवभारत टाइम्स के वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मलंग गढ़ किले को लेकर दो समुदाय में विवाद है। एक तरफ वहाँ 13वीं सदी में यमन से आये सूफी संत सूफी फकीर हाजी अब्दुल रहमान शाह मलंग उर्फ मलंग बाबा की मजार होने का दावा किया जाता है। और दूसरी तरफ गोरखनाथ पंथ को मानने वाले लोगों का कहना है कि यह समाधि नाथ पंथ के संत मछिंदरनाथ की है। उनका कहना है कि यहाँ हर साल पालकी निकलती है, हर दिन पूजा की जाती है। 

इस वजह से वीडियो में वह मजार जैसी दिखने वाली जगह लग रही है। परंतु शिवसैनिकों का मानना है वह समाधि है और इसलिये वहाँ ॐ, स्वास्तिक और त्रिशूल के चित्र बनी हुई केसरी रंग की चादर चढ़ाई जाती है।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हाजी अली दरगाह पर आरती नहीं कर रहे है। वे मलंग गढ़ किले पर मौजूद मजार पर आरती कर रहे है व वहाँ ॐ, स्वास्तिक और त्रिशूल से बनी हुई केसरी रंग की चादर चढ़ा रहे है।

Title:क्या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हाजी अली दरगाह पर ॐ, स्वास्तिक और त्रिशूल से बनी हुई केसरी रंग की चादर चढ़ा रहे है? जानिये सच…

Fact Check By: Samiksha Khandelwal

Result: Partly False

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