तेजी से साझा होने वाली एक फेसबुक पोस्ट मे यह दावा किया गया है कि, पोस्ट करने वाले शख्स का संभाषण पाकिस्तान के किसी रहिवासी से हुई है | यह एक व्हाट्सऐप चैट है जिसमे दो लोगों के बीच आपसी संभाषण है | चैट में पाकिस्तान के रहिवासी ने बालाकोट में भारत द्वारा किये गए हवाई हमले की पुष्टि की और कहा कि २९२ आतंकवादी मारे गए हैं | आइये देखते हैं क्या है सच |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
शेखर चहल द्वारा शेयर किया गया यह व्हाट्सऐप चैट काफ़ी साझा किया जा रहा है |
तथ्यों की जांच:
तथ्यों की जांच करने पर हमने पाया कि यह पोस्ट शेखर चहल ने अपने फेसबुक व ट्विटर अकाउंट से ५ मार्च २०१९ को प्रकाशित किया है | ट्विटर का पोस्ट अभी उपलब्ध नहीं है मगर फेसबुक का पोस्ट उपलब्ध हैं |
इस चैट को पूरा पढ़ने पर कई बातें सामने आती है |
1.शेखर चहल दिल्ली के रहिवासी हैं | दावे के अनुसार, शेखर चहल ने कहा की उनके एक मित्र हैं जो पाकिस्तान से है, जिसका नाम चैट पर डॉ. इजाज दिखाई दे रहा है |
2.इजाज के मुताबिक उनकी माँ ‘बालाकोट मेडिकल यूनिवर्सिटी’ में डीन हैं |
3.हमने बालाकोट के मैप में बालाकोट मेडिकल यूनिवर्सिटी को ढूँढने की कोशिश की | लेकिन हमें कोई भी ऐसी यूनिवर्सिटी नहीं मिली | गूगल मे बालाकोट मेडिकल यूनिवर्सिटी ढूँढने पर ‘इल्म की दुनिया’ नामक एक वेबसाइट मे सिर्फ़ एक कॉलेज के बारे मे पता चलता है | कॉलेज का नाम है ‘गवर्मेंट डिग्री कॉलेज, बालाकोट’ | इस कॉलेज में मेडिसिन से जुड़ा सिर्फ़ एक ही कोर्स हैं ‘FSc pre-medical’ |
4.चैट मे भी इस्तेमाल किये गए कई शब्द उर्दू भाषा के विपरीत है | उर्दू का प्रयोग करने वाला व्यक्ति कभी भी ये मामूली गलतियाँ नहीं कर सकता है |
यहाँ लिखा है कि ‘अल्लाह फितरत करे’ | ‘फितरत’ का मतलब होता है ‘प्रकृति’ | इस बात का इस वाक्य के साथ कोई मेल नहीं है |
यहाँ इस्तेमाल किया गया शब्द ‘अल्लामुदिआह’ भी गलत है | उर्दू में यह शब्द ‘अल्हमदुलइल्लाह’ कहा जाता है, जिसका अर्थ है ‘धन्यवाद’ |
यहाँ चैट में ‘आतंकवाद’ शब्द का प्रयोग किया है | कोई भी उर्दू बोलने वाला व्यक्ति ‘दहशतगर्दी’ शब्द का प्रयोग करता है, ‘आतंकवाद’ हिंदी शब्द है |
कई बार ‘जनाब’ शब्द का इस्तेमाल हुआ है | उर्दू में ‘जनाब’ शब्द सिर्फ़ किसी ऊँचे दर्जे के या उम्र में बड़े व्यक्ति को सम्मान पूर्वक संबोधित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है |
‘घायल’ शब्द हिंदी है | उर्दू मे ‘ज़ख़्मी’ शब्द का इस्तेमाल होता है |
5.भाषा से सम्बंधित इस संशोधन से यह बात साफ़ होती है की यह संभाषण किसी उर्दू भाषा का प्रयोग करने वाले व्यक्ति द्वारा नहीं किया गया है |
निष्कर्ष:
तथ्यों की जांच करने के पश्चात् हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे है कि यह व्हाट्सऐप चैट मनगढ़ंत है | किया गया दावा कि ‘बालाकोट के हमले में मारे गए आतंकियों का सबूत मिला’ गलत है | बालाकोट में कोई मेडिकल यूनिवर्सिटी भी नहीं है | इसलिए चैट में लिखे गए दावे मनगढ़ंत और गलत है |
Title:क्या सच मे सबूत मिला बालाकोट के हमले में मारे गए आतंकियों का ? जानिये सच |
Fact Check By: Nita RaoResult: False
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