Social

सात साल पुराने वीडियो को उत्तराखंड में हालिया प्रदर्शन से जोड़ कर वायरल किया जा रहा है..

वायरल किये जा रहे वीडियो का उत्तराखंड के हालिया छात्र प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है। ये साल 2016 का दिल्ली का वीडियो है। 

उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में कथित घोटाले, पेपर लीक और बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर नौ फरवरी को पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें कुछ प्रदर्शनका​री अभियार्थी घायल हो गए। घटना के बाद से कई ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं जिनमें पुलिस दौड़ा-दौड़ा कर अभ्यर्थियों को पीटती दिख रही है।

ऐसा ही एक वीडियो वायरल किया जा रहा है, जिसमें कुछ पुलिस कर्मी और सादे कपड़े में लोग लड़कियों और युवाओं को पीटते नजर आ रहे हैं। वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो उत्तराखंड का है जहां हाल ही में पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कर रही लड़कियों को पीटा।

वायरल वीडियो के साथ यूजर्स ने लिखा है- उत्तराखंड पुलिस की शर्मनाक करतूत ,बेटियों पर कैसे टूट पड़ी है, मर्द पुलिस वाले निहत्थी बेटियों को बाल पकड़कर, घसीटकर मारा।

फेसबुकआर्काइव 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

वायरल वीडियो के तस्वीर का रिवर्स इमजे करने पर वीडियो का स्क्रीनशॉट ‘एनडीटीवी‘ की एक रिपोर्ट में मिली। ये खबर फरवरी 2016 को प्रकाशित की गयी थी।

खबर के मुताबिक 30 जनवरी, 2016 को कुछ युवा, दिल्ली स्थित आरएसएस दफ्तर के पास रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच कुछ पुलिसवालों और कुछ सादे कपड़े वाले लोगों ने उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी। 

पड़ताल में आगे हमें वायरल वीडियो को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक रिएक्शन वीडियो मिला। 

इसको लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में छात्रों पर हुए कथित हमले की निंदा की थी और कहा था कि दिल्ली की पुलिस, बीजेपी और आरएसएस की निजी सेना की तरह काम कर रही है। 

‘ इंडिया टुडे’ और एनडीटीवी न्यूज’ ने भी इस खबर को 2016 में कवर किया था। 

उत्तराखंड में छात्रों का प्रदर्शन. . .

बता दें, सरकारी भर्तियों में आवेदन करने वाले सैकड़ों युवा विरोध प्रदर्शन में उतर गए हैं। आक्रोशित युवाओं ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर CBI जांच की मांग की. युवाओं का साफ कहना है कि जब वह एक भर्ती का पेपर देते हैं तो वह लीक हो जाता है, फिर दूसरे की आस में तैयारी करते हैं, तो वह भी लीक हो जाता है। ऐसे में युवाओं के भविष्य का क्या होगा? यह सरकार को बताना चाहिए।

उत्तराखंड में लागू नकल विरोधी कानून….

इस कानून के तहत कड़े प्रावधान किए गए हैं। नकल माफिया पर लगाम लगाने के लिए 10 करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ-साथ आजीवन कारावास या 10 साल की जेल की सजा का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा पकड़े जाने पर नकल माफिआओं की संपत्ति कुर्क भी की जाएगी।

निष्कर्ष-

तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि सात साल पुराने वीडियो को उत्तराखंड में हुई हालिया हिंसा के मामले से जोड़ा जा रहा है।

Title:सात साल पुराने वीडियो को उत्तराखंड में हालिया प्रदर्शन से जोड़ कर वायरल किया जा रहा है..

Fact Check By: Saritadevi Samal

Result: False

Recent Posts

टैंकर ब्लास्ट का  ये वीडियो भारत का नहीं बल्कि पाकिस्तान का है।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक पेट्रोल पंप में आग…

2 days ago

कंगना रनौत को अभद्र इशारे करने के दावे से वायरल वीडियो पाकिस्तान का है…

मंच पर लाइव परफॉर्म करती एक महिला को अभद्र इशारे करती भीड़ का वीडियो सोशल…

2 days ago

ऋषिकेश में राफ्टिंग हादसे के नाम पर बोस्निया का वीडियो वायरल…

राफ्टिंग हादसे का वायरल वीडियो बोस्निया का है ऋषिकेश का नहीं,  फर्जी है वायरल दावा।…

2 days ago

पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वालों की यूपी पुलिस ने नहीं की पिटाई, भ्रामक है वायरल दावा…

Byline- एक कांस्टेबल पर हमले के आरोप में आंध्र प्रदेश पुलिस ने बीच सड़क पर…

2 days ago

2023 में नेपाल के यति एयरलाइंस विमान हादसे के दौरान का पुराना वीडियो, अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया AI171 विमान दुर्घटना के नाम पर वायरल…

अहमदाबाद में क्रैश हुये एयर इंडिया क़े प्लेन में आख़री क्षणों में वीडियो बनाने के…

3 days ago

लड़के को प्रताड़ित करती यूपी पुलिस का पुराना वीडियो हाल का बता कर भ्रामक दावे से वायरल…

पुलिसकर्मियों द्वारा एक लड़के के साथ बुरी तरह मारपीट का यह वीडियो हाल का नहीं,…

4 days ago