False

14 साल पुरानी तस्वीर को बलूचिस्तान ट्रेन हाईजैक वाली घटना में मारे गए पाकिस्तानी सैनिकों के ताबूत के दावे से वायरल…

पाकिस्तानी झंडे में लिपटी ताबूतों की तस्वीर का संबंध बलूचिस्तान ट्रेन हाईजैक से नहीं है, 14 साल पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है।

अभी हाल ही में पाकिस्तान के क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर अलगाववादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमला करते हुए चार सौ से ज्यादा यात्रियों से भरी ट्रेन को कब्जे में ले लिया था। ख़बरों के अनुसार बीएलए के बयान के मुताबिक ट्रेन हाईजैकिंग के बाद वो अपने साथ कुल 214 बंधकों को ले गए और बाद मे उन सभी को मार डाला। जबकि पाकिस्तान आर्मी के मुताबिक बीएलए के 33 लड़ाकों को मार गिराने की भी खबर थी। इसी संदर्भ से जोड़ कर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट काफी वायरल हुआ है, जिसमें एक तस्वीर में कई सारे ताबूत दिखाई दे रहे हैं, ताबूतों पर पाकिस्तान का झंडा नज़र आ रहा है, और वहां मौजूद कुछ लोग जनाने की नमाज पढ़ते दिखाई दे रहे हैं। इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह हाल में हुए बलूचिस्तान ट्रेन हाईजैक की घटना की हैं। यूज़र्स तस्वीर को शेयर करते हुए कमेंट कर रहे हैं….

कायर थे, लड़े बिना ही कुत्ते की मौत मारे गए!!

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत में तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया। ऐसा करने पर हमें यह तस्वीर 11 फ़रवरी 2011 को द इंडिपेंडेट की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में मिली। वहीं खबर के अनुसार 10 फ़रवरी 2011 को नार्थ वेस्ट पाकिस्तान के मरदान शहर में मौजूद पंजाब रेजिमेंट सेंटर पर हमला हुआ था। यह हमला स्कूल यूनिफार्म पहन कर आए एक सुसाइड बॉम्बर ने किया था, जिसमें करीब 31 सैनिक और कैडेट्स की मौत हो गई थी।

और सर्च करने में हमें मिलती जुलती-तस्वीर इमेज स्टॉक अलामी की वेबसाइट पर भी मिली। वेबसाइट पर तस्वीर के साथ मौजूद जानकारी के अनुसार, यह तस्वीर 11 फ़रवरी 2011 को समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने ली थी, जिसमें आर्मी और सरकारी अधिकारियों को पंजाब रेजिमेंट सेंटर पर हुए हमले में मारे गए सैनिकों के जनाजे में शामिल होना दिखाया गया था।

10 सितम्बर 2013 को छपी ट्रिब्यून पाकिस्तान की रिपोर्ट में हमें यहीं वायरल तस्वीर मिली। रिपोर्ट में सुसाइड बॉम्बिंग पर हुए सर्वे को लेकर खबर लिखी गई थी। साथ ही तस्वीर के साथ कैप्शन में बताया गया था कि खैबर पख्तुन्ख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री आमिर हैदर खान होती सुसाइड ब्लास्ट के पीड़ितों के जनाजे की नमाज पढ़ रहे थें।

हमें मिली खोज में प्राप्त खबरों के अनुसार इस ब्लास्ट में हमलावर की उम्र 19-20 साल थी और हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली थी। उस समय की प्रकाशित खबरों में वायरल तस्वीर को शेयर किया हुआ देख सकते हैं। इसलिए हम कह सकते हैं कि वायरल हो रही ताबूतों की तस्वीर बलूचिस्तान ट्रेन हाईजैक से जुड़ी नहीं है।

निष्कर्ष 

तथ्यों के जांच से पता चलता है कि वायरल तस्वीर का बलूचिस्तान ट्रेन हाईजैक से कोई संबंध नहीं है। यह 14 साल पुरानी तस्वीर है जब पाकिस्तान के मरदान शहर में पाकिस्तानी आर्मी के ट्रेनिंग सेंटर में एक सुसाइड ब्लास्ट में करीब 31 लोगों की मौत हो गई थी। उसी समय की तस्वीर को बलूचिस्तान ट्रेन हाईजैक से जोड़ा जा रहा है। 

Title:14 साल पुरानी तस्वीर को बलूचिस्तान ट्रेन हाईजैक वाली घटना में मारे गए पाकिस्तानी सैनिकों के ताबूत के दावे से वायरल…

Fact Check By: Priyanka Sinha

Result: False

Recent Posts

पेड़ से लटके लंगूर की पिटाई का सात साल पुराना वीडियो अब झूठे सांप्रदायिक दावे से वायरल….

लंगूर को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी…

6 hours ago

इंग्लैंड में लगी आग का पुराना वीडियो ईरान-इजरायल हमले से जोड़कर वायरल…

सोशल मीडिया पर ईरान द्वारा इजरायली शहर तेल अवीव पर किए गए हमले से जोड़कर…

1 day ago

ईरान पर अमेरिकी हमले का लाइव फुटेज बताकर AI वीडियो वायरल

अमेरिका ने ईरान पर हमला करते हुए इजराइल-ईरान संघर्ष में उतर गया। इस पृष्ठभूमि में…

1 day ago

इराक पर अमेरिका के 22 साल पहले किये गए हमले का का पुराना वीडियो ईरान-इजरायल के हालिया तनाव से जोड़ कर वायरल…

इजरायल पर ईरान के हमले का नहीं है वीडियो, इराक का पुराना वीडियो भ्रामक दावे…

1 day ago

नदी में बहती कार का पुराना वीडियो भ्रामक दावे से वायरल…

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें नदी के बीच कई सारी…

1 day ago