
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें माथे पर तिलक और सिर पर ‘महाकाल’ नाम का गमछा पहने एक साधु को कुछ लोग घेरकर बदसलूकी करते नज़र आ रहे हैं। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बिहार के गोपालगंज में साधु के भेष में बांग्लादेशी नागरिक पकड़ा गया । लोगों ने कथित साधु को मीट खाते हुए पकड़ा था।
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा ग़लत है । स्थानीय पुलिस ने पुष्टि की है कि ये साधु बांग्लादेशी नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले का निवासी है।
वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- ये जो पकड़ा गया है वो साधु के भेष में बांग्लादेशी मुल्ला है जो हमारे गोपालगंज जिला में लोगो ने पकड़ लिया मीट खा रहा था , गायत्री मंत्र का भी पता नहीं था , ऐसे लोगों की बजरंग इलाज बहुत जरूरी है
अनुसंधान से पता चलता है कि…
पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च किया, परिणाम में वायरल वीडियो हमें सुदर्शन दिल्ली के फेसबुक पेज पर मिला। जहां इसे गोपालगंज में साधु के भेष में बांग्लादेशी मुस्लिम पकड़े जाने के दावे के साथ शेयर किया गया है।
न्यूज सर्च करने पर हमें गोपालगंज पुलिस के आधिकारिक एक्स हैंडल पर 15 दिसंबर 2025 को जारी एक प्रेस रिलीज मिली। पुलिस के अनुसार, सोशल मीडिया पर “टीम हिंदू यूनाइटेड” नामक एक्स हैंडल से यह वीडियो पोस्ट किया गया था, जिसमें बांग्लादेशी साधुओं के पकड़े जाने का दावा किया गया।
प्रेस रिलीज के अनुसार, “सोशल मीडिया पर “टीम हिन्दू यूनाइटेड” नामक एक्स आईडी से एक वीडियो अपलोड किया गया था, जिसमें दावा किया गया कि गोपालगंज में दो बांग्लादेशी साधुओं को पकड़ा गया है। इस वायरल वीडियो की जांच कुचायकोट थानाध्यक्ष द्वारा की गई। जांच में पाया गया कि वीडियो में दिखाया गया व्यक्ति साधु है और उसके पास से किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई।
वह भीख मांगने वाला साधु है। पुलिस द्वारा उसके आधार कार्ड की जांच की गई, जिसमें उसकी पहचान उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के निवासी के रूप में हुई है। यह स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो पूरी तरह भ्रामक और झूठा है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वीडियो को गौर से देखा। वीडियो में हमें पीछे नजर आ रही बिल्डिंग पर ‘मां भवानी क्लिनिक’ ‘हेल्थ एंड डायबिटिज ‘ सेंटर लिखा हुआ दिखा। वहीं, दूसरे फ्रेम में उसी बिल्डिंग पर ‘मां भवानी मेडिको’ भी लिखा हुआ नजर आया।
विश्लेषण में ये साफ है कि वीडियो बिहार के गोपालगंज ज़िले के कुचायकोट क्षेत्र का है।

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, साधु के भेष में बांग्लादेशी व्यक्ति पकड़े जाने का दावा गलत है। वीडियो में दिख रहे साधु बांग्लादेशी नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले के निवासी हैं।
Title:बिहार के गोपालगंज में साधु के भेष में बांग्लादेशी नागरिक के पकड़े जाने का दावा फर्जी ….
Fact Check By: Sarita SamalResult: Misleading


