इन तस्वीरों का अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास पर हाल में हुए आतंकी हमले से नहीं है कोई संबंध, पुरानी तस्वीर फर्जी दावे से हो रही हैं शेयर।

इंटरनेट पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें दो अलग तस्वीर वाली कोलाज को शेयर किया जा रहा है। तस्वीरों में कुछ टूटी-फूटी इमारतों और वहां पर मौजूद कुछ लोगों को दिखाया गया है। वहीं पहली तस्वीर में एक महिला भी बिल्डिंग के बाहर का जायजा लेते हुए दिख रही है। इस पोस्ट को शेयर करते हुए यूजर दावा कर रहे हैं कि हाल ही में अफगानिस्तान के काबुल में भारतीय दूतावास पर हमला हुआ और ये तस्वीरें उसी हमले की है।
काबुल में भारतीय दूतावास पर कायराना हमला।हर भारतीय का दिल उन बहादुरों के लिए धड़क रहा है जिन्होंने देश के लिए जान की बाज़ी लगाई।आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने वायरल पोस्ट की जांच के लिए सबसे पहले मीडिया रिपोर्टों को चेक करना शुरू कि क्या वास्तव में काबुल में भारतीय दूतावास पर ऐसा कोई हमला हुआ है। क्यूंकि अगर ऐसी कोई भी खबर होती तो मीडिया में बिग ब्रेकिंग होती। लेकिन हमें ऐसी कोई भी खबर प्राप्त नहीं हुई जो वायरल दावे की पुष्टि कर सके। फिर हमने वायरल पोस्ट में दिख रही दोनों तस्वीरों को ढूंढना शुरू किया।
पहली तस्वीर
हमने पहली तस्वीर को गूगल लेंस के जरिए रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें यही तस्वीर फोटो वेबसाइट अलामी डॉट कॉम पर अपलोड की हुई मिली। यह पर लिखी जानकारी के अनुसार, “भारतीय विदेश सचिव निरुपमा राव अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत जयंत प्रसाद के साथ भारतीय दूतावास का दौरा किया। यह दूतावास गुरुवार को अफगानिस्तान के काबुल में आत्मघाती कार बम हमले का निशाना बना था”,यह पता चला। जबकि तस्वीर शुक्रवार, 9 अक्टूबर, 2009 को ली गई थी।
दूसरी तस्वीर
इसके बाद हमने दूसरी तस्वीर को गूगल लेंस के जरिये सर्च किया। हमें यह तस्वीर एनबीसी न्यूज़ की वेबसाइट पर पहली जुलाई 2017 को अपलोड की हुई मिली। विवरण के अनुसार, यह फोटो काबुल में जर्मन एम्बेसी की बताई गयी है।
यह तस्वीर हमें बीबीसी की वेबसाइट पर भी शेयर की हुई मिली, जिसमें बताया गया कि अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में एक आत्मघाती कार बम धमाका हुआ था और तस्वीर काबुल में जर्मन एम्बेसी की थी।
यह तस्वीर जर्मनी की वेबसाइट डॉयचे वेले (डीडब्ल्यू) पर छपे आर्टिकल में मिली। यहां तस्वीर के साथ बताया गया कि यह 31 मई 2017 को काबुल में मौजूद जर्मन दूतावास पर हुए हमले से सम्बंधित है।
इसके बाद हमने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए काबुल के भारतीय दूतावास के सोशल मीडिया हैंडल फेसबुक और एक्स को भी स्कैन किया। इस दौरान हमें आखिरी पोस्ट अगस्त 2021 को की हुई मिली।
साथ ही काबुल में भारतीय दूतावास की आधिकारिक वेबसाइट को चेक करने से पता चला कि ऐसी किसी भी प्रकार की हालिया हमले को लेकर कोई जानकारी साझा की नहीं गई है। इसलिए स्पष्ट हो जाता है कि वायरल दावा भ्रामक है।
निष्कर्ष
तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि, काबुल में भारतीय दूतावास पर हालिया हमले का दावा सरासर फेक है। वायरल हो रही पोस्ट में दोनों ही तस्वीर पुरानी है। जिनमें एक तस्वीर साल 2009 में काबुल में भारतीय दूतावास पर हुए हमले की है तो वहीं दूसरी तस्वीर साल 2017 में जर्मन दूतावास पर काबुल में हुए हमले की है। उन्हीं पुरानी तस्वीरों को हाल का बता कर गलत दावा किया गया है।

Title:अफगानिस्तान के काबुल में भारतीय दूतावास पर हमले का दावा फेक है, पुरानी तस्वीर भ्रामक दावे से वायरल…
Fact Check By: Priyanka SinhaResult: Misleading
