पुणे के एक मोक ड्रिल वीडियो को कोरोनावायरस संक्रमित मरीज का बता फैलाया जा रहा है |

Coronavirus False

सोशल मीडिया पर एक वीडियो जिसमे बीच सड़क पर एक आदमी को अचानक गिरते हुए देखा जा सकता है को इस दावे के साथ वायरल किया जा रहा है कि वीडियो पुणे से है जहाँ बीच सड़क में अब लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो गिर रहे हैं | वीडियो में एक आदमी चलते चलते अचानक सड़क पर गिर जाता है और थोड़ी देर बाद हम एक एम्बुलेंस और डॉक्टरों को आकर इस व्यक्ति की मदद करते हुए देख सकते है | वीडियो के अनुसार वीडियो में दिखाए गये व्यक्ति कोरोनावायरस से संक्रमित है |

https://twitter.com/Naser23111034/status/1275514379631378432

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को कीवर्ड्स के माध्यम से ढूँढने से की, जिसके परिणाम से हमें २३ जून २०२० को प्रकाशित पुणे मिरर की एक खबर मिली जिसमे इस वीडियो में दिखाए गये दृश्य का विवरण करते हुए लिखा गया है कि यह एक मोक ड्रिल का वीडियो है | पीएमसी स्वास्थ्य अधिकारियों ने डेक्कन कॉर्नर पर एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया था ताकि उन्हें कोरोवायरस से संबंधित आपात स्थिति उत्पन्न होने पर अधिकारियों की प्रतिक्रिया पता चल सके |

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टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोनॉयरस प्रकोप और डेंगू ,मलेरिया जैसी अन्य बीमारियों से निपटने के लिए इसकी तैयारी की जांच करने के लिए २३ जून २०२० को नागरिक प्रशासन द्वारा मॉक ड्रिल आयोजित किया गया था | वायरल क्लिप में दिखाए गए जंक्शन और बालगंधरवा चौक सहित दो स्थानों को मॉक ड्रिल के लिए चुना गया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मॉक ड्रिल पुणे नगर निगम (पीएमसी) शिवाजीनगर-घोले रोड वार्ड कार्यालय के पेस्ट नियंत्रण विंग द्वारा आयोजित किया गया था |

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पुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल ने एक ट्वीट में वायरल हो रहे संदेशों को खारिज करते हुए लिखा है कि जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वे २३ जून को आयोजित किये गए मोक ड्रिल का है | मुरलीधर मोहोल ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट में उसी वायरल क्लिप को साझा किया और कहा कि यह एक नियमित अभ्यास था जो सरकारी प्रतिक्रिया एजेंसियों की चपलता की जाँच करने के लिए किया गया था |

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फैक्ट क्रेसेंडो ने तद्पश्चात डेक्कन पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर दीपक लगड से संपर्क किया उन्होंने हमें बताया कि “यह वीडियो वास्तविक नही है, यह एक मोक ड्रिल है | पुणे पुलिस द्वारा मॉक ड्रिल के स्थान पर ट्रैफिक नियंत्रित करने व कानून व्यवस्था को सुचारू रखने हेतु उपलब्ध थी |” 

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | पुणे में मोक ड्रिल का वीडियो कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज के होने और मोक ड्रिल को वास्तविक घटना ने नाम से लोगो को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है |

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Title:पुणे के एक मोक ड्रिल वीडियो को कोरोनावायरस संक्रमित मरीज का बता फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray 

Result: False