Partly False

२०१८ की असंबंधित तस्वीरों को नागरिकता संशोधन अधिनियम से जोड़ फैलाया जा रहा है |

जहाँ एक और पूरे देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है व कुछ राज्यों में हिंसा की सूचना प्राप्त हो रहीं है वहीँ  सोशल मंचो पर इन विरोधों को लेकर कई गलत खबरें फैलाई जा रहीं हैं, ऐसी ही कुछ तस्वीरें जहाँ कुछ पुलिसकर्मी खून से लथपथ दिख रहे हैं इनको नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के दौरान जनता द्वारा हमले में घायल पुलिसकर्मियों की बता फैलाया जा रहा है, तस्वीर में तीन पुलिसकर्मी जमीन पर बैठे हैं और एक दूसरा पुलिसकर्मी उनकी मदद कर रहा है | 

ट्विटर पोस्ट | ट्विटर पोस्ट

अनुसंधान से पता चलता है कि….

जाँच की शुरुवात हमने इन तस्वीरों का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमने पाया की साझा की गयी तस्वीरों में से एक तस्वीर असंबंधित व पुरानी है |

पहली तस्वीर- 

हमने पाया कि यह तस्वीर अप्रैल २०१८  से ही इन्टरनेट पर उपलब्ध है | एक ट्विटर उपयोगकर्ता, @ hemantp83, ने ४ अप्रैल, २०१८ को ये तस्वीर पोस्ट की थी | तस्वीर का सोर्स दिया नहीं है, लेकिन हम यह निश्चित रूप से कह सकते है कि यह तस्वीर नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे विरोध से नहीं है | यह तस्वीर पिछले साल से ट्विटर और फेसबुक पर उपलब्ध है |

फेसबुक पोस्ट –

दूसरी तस्वीर-

परिणाम में हमें इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित खबर मिली, रिपोर्ट के अनुसार, तस्वीर अहमदाबाद में शाह-ए-आलम क्षेत्र की है जहां १९  दिसंबर २०१९ को नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन किया गया था | इंडिया टुडे ने इस तस्वीर की क्रेडिट प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को दिया है |

आर्काइव लिंक

तीसरी तस्वीर-

२०  दिसंबर २०१९ को प्रकाशित टाइम्स ऑफ इंडिया के खबर द्वारा इस तस्वीर का उपयोग किया गया था | रिपोर्ट के अनुसार, यह अहमदाबाद के  शाह-ए-अलम क्षेत्र से है | रिपोर्ट में कहा गया है, १२ पुलिसकर्मी और कम से कम १६ नागरिक इस विरोध प्रदर्शन के चलते  घायल हो गए है |

आर्काइव लिंक 

निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को आंशिक रूप से गलत पाया है | पहली तस्वीर की पिछले साल से इन्टरनेट पर अस्तित्व इस बात का प्रमाण है कि यह सी.ए.ए के खिलाफ हाल के प्रदर्शनों से संबंधित तस्वीर नहीं है | हालाँकि, दूसरी व तीसरी तस्वीर वास्तव में नागरिकता संशोधन बिल के विरोध प्रदर्शन के हिंसक रूप को दर्शाती है | 

Title:२०१८ की असंबंधित तस्वीरों को नागरिकता संशोधन अधिनियम से जोड़ फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: Partly False

Recent Posts

इंडोनेशिया में थर्मोकोल के बॉक्स में बैठकर नदी पार करते बच्चों का वीडियो भारत का बताकर वायरल

थर्मोकोल के बॉक्स में बैठकर नदी पार करते यह बच्चें मध्य प्रदेश के नहीं है…

6 hours ago

अरुण गोविल ने पीएम मोदी की नहीं की आलोचना  ,  अधूरा वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल….

सोशल मीडिया पर मेरठ से भाजपा सांसद अरुण गोविल का एक वीडियो वायरल है। दावा…

7 hours ago

सच नहीं है, ऑपरेशन सिंदूर में सात विमानों के नुकसान कबूलते CDS अनिल चौहान का वायरल वीडियो…

CDS अनिल चौहान का ऑपरेशन सिंदूर से जोड़ कर डीप फेक वीडियो किया जा रहा…

3 days ago

बिहार के सुपौल में निर्माणाधीन पुल गिरने का पुराना वीडियो हालिया बताकर वायरल…

सोशल मीडिया पर एक पुल गिरने का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो…

4 days ago

पाकिस्तान के मुज़फ़्फ़रगढ़ में हुई सामूहिक हत्याकांड का पुराना वीडियो उत्तर प्रदेश के अमरोहा के दावे से वायरल…

खून से लथपथ शवों दर्शाता वायरल वीडियो पाकिस्तान का है, उत्तर प्रदेश का नहीं। पूरी…

4 days ago

महाराष्ट्र में नाबालिग पर हुआ चाकू हमला ‘लव जिहाद’ का प्रकरण नहीं; जानिए सच

दिन दहाड़े नाबालिग स्कूली छात्रा पर चाकू से हमला करने वाले एक सिरफिरे आशिक का…

5 days ago