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बिहार से एक १० साल पुराने वीडियो को वर्तमान असम में मुसलमानों पर हो रही हिंसा का बता भ्रामक रूप से साझा किया जा रहा है |

असम के दरंग जिले में २३ सितंबर को अतिक्रमण हटाने गई पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प में दो स्थानीय लोगों की मौत हो गयी थी | इस घटना से सम्बंधित एक वीडियो सामने आया था जिसमे एक व्यक्ति को जमींन पर पड़े दूसरे(मृत) व्यक्ति की छाती पर कूदते देखा जा रहा था, बाद में इस व्यक्ति की पहचान एक फोटो जर्नलिस्ट के रूप में हुई थी|

इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक और वीडियो वायरल होता दिख रहा है, जिसमें हम एक पुलिसकर्मी को एक बेहोश व्यक्ति की छाती पर कूदते हुये देख सकते है | इस वीडियो को वर्तमान का असम से बताते हुए यह दावा किया जा रहा है कि दरंग जैसी घटना असम में हर जगह हो रही है | पहले एक फोटोग्राफर एक व्यक्ति के साथ अमानवीय तरीके से पेश आया जिसके पश्चात अब वह हरकत हम पुलिसकर्मियों को भी करते हुए देख सकते है | आगे इस वीडियो के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि असम में दिनदहाड़े इसी तरह मुसलमानों की हत्या की जा रही है |

आर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने शोध कर पाया है कि वायरल हो रहा वीडियो बिहार का है और लगभग एक दशक पुराना है, ये वीडियो वर्ष २०११ में बिहार के अररिया जिले में पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प से है |

जाँच की शुरुवात हमने इस वायरल हो रही वीडियो को इन्विड टूल के मदद से छोटे कीफ्रेम्स में तोड़कर व गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें NSTV India द्वारा उनके यूट्यूब चैनल पर ये वीडियो २२ जून २०११ को अपलोड किया हुआ पाया | इस वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है कि अररिया पुलिस द्वारा फायरिंग की गई,  कहा जा रहा है कि यह घटना ४ जून २०११ की है | इसके आलावा हमें यह वीडियो एक यूट्यूब यूजर द्वारा भी अपलोड किया हुआ पाया | वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है कि “फोर्ब्सगंज, अररिया, बिहार, भारत पुलिस फायरिंग ३ जून, २०११ तेज़ न्यूज़ फ्लाई | वीडियो के विवरण में ११ जून, २०११ को प्रकाशित बीबीसी न्यूज़ के एक रिपोर्ट का लिंक है, जिसमें बिहार के अररिया जिले के फोर्ब्सगंज ब्लॉक में विरोध प्रदर्शन और पुलिस की बर्बरता की घटना के बारे में विवरण दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है,” घटना ३ जून की, फोर्ब्सगंज ब्लॉक के भजनपुर गांव से है जहाँ  कम से कम चार लोगों की मौत हो गई, ये तब हुआ जब पुलिस ने गांव से बाहर जाने वाली सड़क पर विरोध कर रहे लोगों पर गोलियां चलाईं।”

तद्पश्चात फैक्ट क्रेसेंडो ने असम के दरंग जिले के एस.पी सुशांतो बिस्वा सरमा से संपर्क किया जिन्होंने इस वीडियो के माध्यम से किये गये दावे को खारिज करते हुए बताया कि वायरल वीडियो दरंग जिले में हुई घटना से संबंधित नही है और ना ही इस प्रकार की कोई घटना असम के किसी भी जिले से रिपोर्ट की गई है, वायरल हो रहा वीडियो का असम से कोई सम्बन्ध नहीं है |

निष्कर्ष:

तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट के माध्यम से किये गये दावे को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो असम से नहीं है| यह वीडियो २०११ का बिहार के अररिया जिले से है | 

Title:बिहार से एक १० साल पुराने वीडियो को वर्तमान असम में मुसलमानों पर हो रही हिंसा का बता भ्रामक रूप से साझा किया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False

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