३१ अक्टूबर २०१९ को “Moinuddin Hasan Altaf” नामक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट की जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “इस कश्मीरी मकान की तस्वीर देखकर कश्मीर के हालात का अंदाजा लगाईये |” तस्वीर में हम एक महिला को जर्जर अपार्टमेंट बिल्डिंग की बालकनी पर कपड़े लटकाते हुए देख सकते हैं | इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर कश्मीर से है |
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुआत हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर यांडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें २७ जनवरी २००९ को फोटोन्यूज़ वेबसाइट पर प्रकाशित एक तस्वीर मिली, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि यह तस्वीर गाज़ा पट्टी से है |
इस तस्वीर को २ दिसंबर २००९ को brotherpeacemaker नामक एक ब्लॉग पर अपलोड किया गया था | इस ब्लॉग में गाज़ा हमले के बारें में लिखा गया है जिसमे यह तस्वीर भी शामिल है |
इसके पश्चात हमें ३ जनवरी २०१९ को रेडिकल नामक वेबसाइट द्वारा प्रकाशित खबर का लिंक मिला | खबर में प्रसारित तस्वीर के विवरण के मुताबिक २००९ में गाज़ा में हुए इज़रायली हमले के एक साल बाद भी कुछ बदलाव नहीं हुआ है, इस हमले में सबसे ज़्यादा बच्चे प्रभावित हुए थे |
टाइम मैगज़ीन ने भी इस तस्वीर को साझा कर इसे गाज़ा का बताया है। तस्वीर के साथ साझा विवरण के मुताबिक, घर की ऐसी हालत गोलियों के कारण हुई है | इस तस्वीर को २६ जनवरी २००९ को अपलोड किया गया था |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | लगभग दस साल पुरानी गाज़ा की तस्वीर को, सोशल मीडिया में इस गलत दावे से साझा किया गया है कि यह वर्तमान कश्मीर की परिस्थिति को दर्शाती है |
Title:गाज़ा पट्टी की पुरानी तस्वीर को वर्तमान कश्मीर का बता वाईरल किया जा रहा है|
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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