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जिन 37 जवानों की शहादत से देश गुस्से में, उन्हें नहीं मिलेगा “शहीद” का दर्जा | कितनी सच्चाई है इसमें?

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में एक आतंकी हमले में CRPF के ३७ जवान मारे गए, जबकि दर्जनों जवान घायल हैं । इसपर लोकसेवा न्यूज़ ने एक खबर की है कि इस घटना में मारे गए जवानों को ‘शहीद’ का दर्जा नहीं मिलेगा | यह खबर पढने के बाद कुछ सवाल उत्त्पन्न होते है | मसलन किन जवानों को शहीद का दर्जा मिलता है, या मिलता है भी या नहीं, या तो कहीं ये खबर आधी सच्चाई तो नहीं बयां कर रही है? सो हमने इस विषय के तह तक जाने की कोशिश की |  

ARCHIVE LOKSEVA NEWS

पहले देखते है इसकी सच्चाई जानना कितना जरुरी है | यानि की कितनी बार यह खबर पोस्ट या री-पोस्ट हुई है, कितने लाइक मिले है, कितने शेयर मिले है और कमेंट्स कितने है | देखें…

Positive Politics के पेज पर ७७७ लाइक, १३ कमेंट्स, २२ शेयर |

ARCHIVE POSITIVE POLITICS

PMO india के पेज पर ४४ लाइक, १ शेयर |

ARCHIVE PMO
I SUPPORT INDIAN ARMY के पेज पर २५ लाइक, १ शेयर |

ARCHIVE ISIA
अब देखते है संशोधन में क्या पाया गया…

गूगल करने के पश्चात्
ज्ञात होता है कि ११ जनवरी २०१८ की इकोनॉमिक टाइम्स की खबर मिलती है जो की इस विषय पर सीधे भारत सरकार की भूमिका को स्पष्ट करती है | इकोनॉमिक टाइम्स की इस खबर का सारांश इस प्रकार है…
१. एडवोकेट्स अभिषेक चौधरी व हर्ष आहूजा इनके द्वारा एक जनहित याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दाख़िल की गई जिसमें पैरामिलिटरी फ़ोर्स के मारे गए जवानों को ‘शहीद’ दर्जा देने की मांग की गई है | इस विषय पर संरक्षण मंत्रालय ने कुछ और मंत्रालयों के साथ प्रतिज्ञापत्र के माध्यम से केन्द्र सरकार का पक्ष रखा |
२. प्रतिज्ञापत्र में कहा गया है कि कर्तव्य निभाते हुए अगर किसी जवान की जान जाती है तो उसे ‘शहीद’ दर्जा देने का कोई प्रावधान अभी तक नहीं है | आर्मी, नेवी व एयर फ़ोर्स इन तीनों सुरक्षा बलों के लिए भी यही व्यवस्था लागु है (अर्थात थल,वायु व जल सेना पर भी ये नियम लागु नहीं होता है |)
३. प्रतिज्ञापत्र में यह भी कहा गया है कि इस सन्दर्भ में अब तक न तो संरक्षण मंत्रालय ने और न ही गृह मंत्रालय ने कोई भी आदेश या अधिसूचना जारी की है, जिससे की ड्यूटी करते समय मारे गए जवानों को ‘शहीद’ दर्जा देने की बात कही हो |

ARCHIVE ET | ARCHIVE MoD | ARCHIVE MHA | ARCHIVE PARAMILITARY

केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी देते हुए इस विषय पर क्या कहा वह भी देखते है | गूगल करने पर हमें इंडिया टुडे की ६ दिसंबर २०१६ की एक खबर मिलती है जो की इसी सन्दर्भ में सरकार की ओर से संसद में दिए गए जवाब के बारे में है | केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने लोक सभा में दिया जवाब इस प्रकार है…
१. युद्ध के दौरान अगर भारतीय सशस्त्र दलों के किसी जवान की जान जाती है तो उनके लिए ‘शहीद’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाता |
२. इसी तरह पैरामिलिटरी फ़ोर्स का कोई जवान अगर किसी कार्रवाई के दौरान मृत होता है तो उनके लिए भी ‘शहीद’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाता |   

ARCHIVE INDIA TODAY | ARCHIVE RIJIJU WIKI

केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने २२ दिसम्बर २०१५ को भी लोक सभा में इसी विषय पर पूछे गए एक लिखित प्रश्न के जवाब में उपरोक्त जवाब दिया था जो बाद में प्रेस इनफर्मेशन ब्यूरो ने एक प्रेस विज्ञप्ति द्वारा भी प्रसिद्ध किया था |  

ARCHIVE PIB | PIB WEBSITE

अब देखते है उपरोक्त लोक सेवा न्यूज़ की खबर में क्या लिखा है…

लोकसेवा न्यूज़ में दो बाते प्रमुख रूप से लिखी है…
१. गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक आतंकी हमले में CRPF के ३७ जवान शहीद हो गए। जबकि दर्जनों जवान घायल हैं। लेकिन ये बड़े खेद का विषय है कि जिन जवानों ने देश के लिए शहादत दी है, उन्हें सरकारी दस्तावेजों में शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा। बता दें, CRPF, ITBP, BSF या अन्य पैरामिलिट्री फोर्स के जवान अगर ड्यूटी के दौरान मारे जाते हैं तो उन्हें शहीद का दर्जा नहीं मिलता है।
. इन्हें मिलता है शहीद का दर्जा : बता दें, थलसेना, नौसेना या वायुसेना के जवान ड्यूटी के दौरान अगर जान देते हैं तो उन्हें शहीद का दर्जा मिलता है। 

संशोधन का सारांश…
इस संशोधन से यह सारांश निकलकर आता है कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले में मारे गए पैरामिलिटरी जवानों को ‘शहीद’ का दर्जा नहीं मिलेगा, यह बात तो साबित होती है | लेकिन थलसेना, नौसेना या वायुसेना के जवान ड्यूटी के दौरान अगर जान देते हैं तो उन्हें शहीद का दर्जा मिलता है, यह बात सही नहीं है |

जांच का परिणाम :  ये स्पष्ट होता है कि खबर में दी गई आतंकी हमले में मारे गए पैरामिलिटरी जवानों को ‘शहीद’ का दर्जा नहीं मिलेगा यह आधी जानकारी तो सच है, लेकिन थलसेना, नौसेना या वायुसेना के जवान ड्यूटी के दौरान अगर जान देते हैं तो उन्हें शहीद का दर्जा मिलता है यह आधी जानकारी गलत है | अतः यह खबर एक मिश्रित जानकारी है |  

Title: जिन 37 जवानों की शहादत से देश गुस्से में, उन्हें नहीं मिलेगा “शहीद” का दर्जा | कितनी सच्चाई है इसमें?
Fact Check By: Rajesh Pillewar
Result: Mixture(मिश्रित जानकारी)

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